खैर, शब्दों की खूबसूरती यही होती है। ये किसी के भी दिल पर अपनी छाप छोड़ देते हैं। इस लिस्ट में ऐसे ही कुछ कोट्स हैं, जिन्हें पढ़कर आपको अच्छा तो लगेगा ही, साथ ही आप ये बात किसी अपने से शेयर भी कर सकते हैं। आइये देखते हैं, क्या है खास।
ऐसा हो चुका है लोगों का किरदार
वाकई में लोगों का किरदार बताने का इससे बेहतर तरीका क्या होगा। आजकल का
दौर यही है। मजबूरी में अच्छाई का मुखौटा पहन लेते हैं। वक्त आने पर असलियत
दिखा देते हैं।
जब दिल खामोश हो जाता है
कभी-कभी जीवन में ऐसे कई मौके आते हैं, जब लाख कोशिश के बावजूद भी हम कुछ कह नहीं पाते। जुबान नहीं, दिल खामोश हो जाता है।
खेल चुके तो वापस कर दो
लिखने वाले ने क्या खूब लिखा है। वाकई दिल का इस्तेमाल लोग खेल की तरह ही करने लगे हैं।
जैसी दुनिया वैसे हम
जीवन जीने का यह तरीका कोई अपना ले तो वाकई उसे किसी बात का फर्क ही न पड़े। वो कहते हैं न 'जैसी दुनिया वैसे हम'।
जिंदगी दुःख देने में कोई कसर नहीं छोड़ती
जिनका दिल टूट चुका है, वे इस बात को बेहतर तरीके से समझ पा रहे होंगे। कभी-कभी मुस्कुराहट सच में रूठ जाया करती है।
जन्नत तो नहीं देखी मगर माँ देखी है
इन दो लाइनों को पढ़कर, मुनव्वर राना का शेर याद आ गया। "चलती फिरती आंखों
में अजां देखी है, मैंने जन्नत तो नहीं देखी मगर माँ देखी है।
बारिश की बूँदें और तुम्हारी याद
सही है बारिश का मौसम अक्सर किसी ऐसे साथी की याद दिला देता है, जिससे अब
कोई वास्ता न हो। मन में यादों के बादल घुमड़-घुमड़ करने लगते हैं।
मोहब्बत किसे जाकर बताएं
शिकायत करने के लिए तो जाने कितने लोग मिल जाते हैं, लेकिन कमबख्त मोहब्बत का बयां किससे करें।
इंसान नहीं हालात बदल जाते हैं
इसे पढ़कर तो ऐसा लग रहा है जैसे किसी ने बिल्कुल मन की बात लिख दी हो। जो
लोग अक्सर कहते हैं "बहुत बदल गई हो तुम" उनसे ये लाइन शेयर कर देती हूँ।
तेरे बिना कोई लम्हा नहीं जिया
यदि आपके जीवन में कोई 'someone special' है तो ये सही मौका है, उनसे अपने दिल की बात कहने का।
तेरी कमी और आँखों में नमी
टूटा दिल लिए हुए आशिक इस बात से जरूर इत्तेफाक रखेंगे। आँखों में आंसू और किसी की कमी हमेशा खलती है।
आँखें ही होती है दिल की जुबां
ये तो आपने भी सुना होगा कि आँखें ही होती है दिल की जुबां। बस ऐसा ही कोई मामला यहाँ भी है।
मैं दिल में आता हूँ समझ में नहीं
जब भी कोई कहे कि तुम्हे समझ पाना मुश्किल है तो उन्हें ये लाइन बता
दीजियेगा। साथ ही सलमान का डायलॉग भी याद दिला दीजिये "मैं दिल में आता
हूँ, समझ में नहीं"।
अपना समझा था लेकिन...
प्यार नहीं इश्क
कहीं दिल न टूट जाए
वाकई सौ की एक बात कह दी। दिल लगाने से ज्यादा इस बात का डर बना रहता है कि कहीं दिल टूट न जाए।
ये कोट्स पढ़कर आपको कैसा लगा, हमें जरूर बताइयेगा।
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